शब्दों की हेर फेर
शव्दों की हेर फेर
ये कवि लोग भी ना जाने किस किस भिड़वा देते है और ना जाने किस किस को अपनी दो पंक्तियों से मिला देते है ।
मोदी और ममता की खींचातानी।
बुआ भतीजे की अद्भुत रिश्ता करें हैरानी।
प्रेमी आसमां से तारे तोड़ कर लाए।
जमीं पर पति पत्नी हमेशा नोक झोंक में पड़ जाए।
कभी चाँद तारे राहों में बिछ जाते है।
कभी सूरज बदरा भी आपस में बहस लड़ाते है।
सामाजिक आईना बन चेहरे से नकाब उठाते है।
कभी जयकार का घोष कर बाबा को प्रभु बनाते हैं।
कल्पनाओं की उड़ान भर आसमां को छु दे ये।
कभी समुद्र की गहराई से मोती निकाल लाते है।
मन के उदगारों को उकेंर देते है पन्नों पर।
कभी दिमाग से चला लेखनी धुआंधार इतिहास रच देते हैं।
कवि की लेखनी तो उनकी आत्म साक्षात्कार बनती है।
सच झूठ का कर पर्दाफाश वयक्तिव को उसके निखारती है।
नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
दिल्ली
Shashank मणि Yadava 'सनम'
19-Aug-2022 06:52 PM
लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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NEELAM GUPTA
18-May-2021 02:46 PM
सबको बहुत बहुत धन्यवाद जी
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Virendra Pratap Singh
07-May-2021 11:52 AM
Wonderful Thought.
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